Saturday 18 March 2017

खुशखबरी: 150 रुपए महीने में 25 साल तक मिलेगी बिजली!

लखनऊ. बिजली किल्लत से परेशान हैं.... बिजली का बिल देखकर करंट लगता है। अब घबराने की जरूरत नहीं। एक स्मार्ट फोन की कीमत में 25 साल तक कटौती मुक्त बिजली मिलना मुमकिन है। सस्ते के लिहाज से यूं समझिए सिर्फ 167 रुपए महीने के खर्च में बिजली मिलने का जुगाड़ है। चौकिए नहीं, यह सोलर एनर्जी का कमाल है। दरअसल, वैकल्पिक ऊर्जा का बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सोलर पैनल पर 30 फीसदी सब्सिडी देने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में यदि आपके पास 120 वर्गफीट यानी 14 गज जगह खुली छत पर मुहैया है तो एकमुश्त 50 हजार रुपए के खर्च पर पच्चीस बरस तक बिजली मिलती रहेगी।




90 हजार खर्च, लेकिन 40 हजार की छूट
एक किलोवॉट बिजली उत्पादन क्षमता का सोलर पैनल लगाने पर करीब 90 हजार रुपए खर्च आता है। केंद्र सरकार की वैकल्पिक ऊर्जा योजना के तहत 30 हजार रुपए की छूट मिलने पर लागत आएगी करीब 60 हजार रुपए। सोलर पैनल कंपनियों ने एक किलोवॉट या ज्यादा क्षमता का पैनल लगवाने पर 10 फीसदी अतिरिक्त छूट देने का ऐलान किया है। ऐसे में लागत आएगी सिर्फ 50 हजार रुपए। यानी 40 हजार रुपए की छूट। एक किलोवॉट के सोलर पैनल के जरिए दो पंखे और चार एलईडी के लिए रोजाना बिजली मिलेगी।
50 हजार की लागत भी कर्ज पर
केंद्र सरकार की योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के लिए खर्च का इंतजाम भी बतौर कर्ज मुमकिन है। यदि आप एक किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाते हैं तो केंद्र सरकार आपको 50 हजार का कर्ज मुहैया कराएगी, बशर्ते आपको बैंक में गारंटर उपलब्ध कराना होगा। कर्ज की रकम को तीन बरस में वापस करना होगा। नवीन ऊर्जा में विशेषज्ञता वाली कंसेल्टेंसी कंपनी ब्रिज टू इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर जसमीत खुराना कहते हैं कि पिछले 6-7 साल में सोलर मॉड्यूल की कीमतों में 85 फीसदी की गिरावट आई हैं। अब यह धारणा भी बदल रही है कि केवल बड़ी परियोजनाएं ही सौर ऊर्जा से आर्थिक रूप से लाभ उठा सकती हैं।


बिजली के लिए तरसता यूपी
उत्तर प्रदेश की औसत दैनिक बिजली की मांग करीब 16,00 मेगावाट है, लेकिन बिजली की कमी के बावजूद भी उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा के विकास में कई अन्य राज्यों के काफी पीछे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक उत्तर प्रदेश ने मार्च 2017 तक 1.8 जीडब्ल्यू सौर ऊर्जा स्थापित करने के अपने लक्ष्य में केवल 13.1% ही हासिल किया है। इसलिए अब राज्य में नई सरकार के लिए इस क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती सामने है। ग्रीनपीस इंडिया के प्रचारक पूजारानी सेन के मुताबिक सौर ऊर्जा आर्थिक रूप से विश्वसनीय है और साथ ही वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक अहम कदम है। भारत में 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा के 100 जीडब्ल्यू का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, और हम सभी नागरिकों के कंधों के ऊपर इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक अहम जिम्मेदारी है।

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