Tuesday, 7 March 2017

तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है / अदम गोंडवी

तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
 मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है

 उधर जम्हूरियत का ढोल पीते जा रहे हैं वो
 इधर परदे के पीछे बर्बरीयत है ,नवाबी है

 लगी है होड़ - सी देखो अमीरी औ गरीबी में
 ये गांधीवाद के ढाँचे की बुनियादी खराबी है

 तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के
 यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है

~ तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है / अदम गोंडवी

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