Your Time
तुम वहाँ हो मन्दिर तुम्हारा यहाँ है। और हम-- हमारे हाथ, हमारी सुमिरनी-- यहाँ है-- और हमारा मन वह कहाँ है?
बिनसर, सितम्बर, 1972
~ नन्दा देवी-3 / अज्ञेय
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