Saturday, 11 March 2017

मात्सुओ बाशो का हाइकु

(1)
जापानी हाइकु

कारे एदा नि   
कारसु नो तोमारिकेरि   
आकि नो कुरे।

हिन्दी भावानुवाद

सूखी डाली पर्
काक एक एकाकी
साँझ पतझड़ की।

~  मात्सुओ बाशो का हाइकु

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