Saturday 11 March 2017

नन्दा देवी-11 / अज्ञेय

कमल खिला
दो कुमुद मुँदे
नाल लहरायी
सिहरती झील
गहरायी कुहासा
घिर गया।
हंस ने डैने कुरेदे
ग्रीवा झुला पल-भर को
निहारा विलगता फिर तिर गया।

बिनसर, नवम्बर, 1972

~ नन्दा देवी-11 / अज्ञेय

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