Your Time
कमल खिला दो कुमुद मुँदे नाल लहरायी सिहरती झील गहरायी कुहासा घिर गया। हंस ने डैने कुरेदे ग्रीवा झुला पल-भर को निहारा विलगता फिर तिर गया।
बिनसर, नवम्बर, 1972
~ नन्दा देवी-11 / अज्ञेय
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