Saturday 11 March 2017

चक्रान्त शिला - 27 / अज्ञेय

दूज का चाँद-
मेरे छोटे घर-कुटीर का दीया
तुम्हारे मन्दिर के विस्तृत आँगन में
सहमा-सा रख दिया गया।

~ चक्रान्त शिला - 27 / अज्ञेय

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