Saturday 11 March 2017

हाइकु / अज्ञेय

याद
(1)
कैसे कहूँ कि
किसकी याद आई?
चाहे तड़पा गई।
(2)
याद  उमस 
एकाएक घिरे बादल में
कौंध जगमगा गई।
(3)
भोर की प्रथम किरण फीकी:
अनजाने जागी हो
याद किसी की--

~ हाइकु / अज्ञेय

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