Tuesday, 7 March 2017

~ साँप / अज्ञेय

साँप!
तुम सभ्य तो हुए नहीं
नगर में बसना
भी तुम्हें नहीं आया।
एक बात पूछूँ--(उत्तर दोगे?)
तब कैसे सीखा डँसना--
विष कहाँ पाया?

दिल्ली, 15 जून, 1954

~ साँप / अज्ञेय

No comments:

Post a Comment