Sunday 26 March 2017

यूट्यूब पर नहीं मिलेंगे अब इन बड़ी कंपनियों के विज्ञापन

नई दिल्ली। दुनिया की कई बड़ी कंपनियां गूगल की वीडियो सर्विस यूट्यूब से अपने विज्ञापनों को हटाने काम कर रही है। इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि बड़े विज्ञापन देने वाली कंपनियों को आपत्तिजनक सामग्री वाले वीडियो के साथ मार्केटिंग विज्ञापनों को दिखाने के लिए उन्हें गूगल पर संदेह है। यूट्यूब से अपने विज्ञापन हटाने वाली इन कंपनियों में पेप्सिको, वॉलमार्ट स्टोर्स और स्टारबक्स शामिल है।
इन कंपनियों ने भी हटाए विज्ञापन
आपको बता दें कि एटीएंडटी, वेरिजोन, जॉनसन एंड जॉनसन, फॉक्सवैगन समेत अन्य कंपनियां यूट्यूब से अपने विज्ञापन वापस ले चुकी है। गौरतलब है कि इन ब्रैंड्स की छवि खराब करने के लिए गूगल ने माफी भी मांगी थी साथ ही आपत्तिजनक वीडियो के साथ उनके विज्ञापन ना दिखाने के लिए कदम उठाने के बारे में भी कहा था। हालांकि इसके बावजूद यूट्यूब से कंपनियों द्वारा विज्ञापन हटाने का सिलसिला जारी है। यूट्यूब वीडियो में विज्ञापन डालने के लिए गूगल ऑटोमेटेड प्रोग्राम का यूज करता है।
हर मिनट 400 घंटे के वीडियो
आपको बता दें कि यूट्यूब दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो वेबसाइट जिस पर हर मिनट करीब 400 घंटे के वीडियो पोस्ट किए जाते हैं। अब गूगल ने वीडियो की समीक्षा करने के लिए और अधिक लोगों को काम पर रखने समेत कम्प्यूटर द्वारा खराब वीडियो का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावशाली प्रोग्राम विकसित करने के लिए कहा है। हालांकि ऐड देने वाली कंपनियों का कहना है कि जब तक उन्हें भरोसा नहीं हो जाता कि स्थिति गूगल के नियंत्रण में है तब तक वे यूट्यूब पर विज्ञापन नहीं देंगे।
यूट्यूब को होगा नुकसान
वालमार्ट की ओर से कहा गया है कि गूगल की तरफ से यूट्यूब पर उनके​ विज्ञापन को सामग्री के जोड़ा जा रहा है वह घटिया है और कंपनी के मूल्यों के खिलाफ है। वहीं, वालमार्ट, पेप्सिको और कई अन्य कंपनियों का भी कहना है कि वो यूट्यूब पर विज्ञापन देना बंद करने के अलावा उन वेबसाइट्स पर भी विज्ञापन नहीं देंगी जिन पर गूगल विज्ञापन देता है। ऐसे में यदि गूगल विज्ञापनदाताओं को वापस नहीं ला पाता तो उसे राजस्व में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।

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