Wednesday 22 March 2017

पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में बड़ी आतंकी घुसपैठ पर बांग्लादेश ने चेताया

प्रतीकात्मक तस्वीर।
सैबल गुप्ता, कोलकाता
भारत में होने वाली आतंकी घुसपैठ को लेकर बांग्लादेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 के मुकाबले 2016 में पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा की सीमाओं पर हरकत-उल-जिहादी अल-इस्लामी (HuJI) और जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) के आतंकियों की घुसपैठ तीन गुना ज़्यादा देखी गई। यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अक्टूबर 2014 में बर्दवान ज़िले के खागरागढ़ में हुए ब्लास्ट की जांच में नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी (NIA) ने अपनी जांच पाया था कि उस ब्लास्ट के बाहरी तार JMB से जुड़े हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि HuJI और JMB के दो हज़ार से ज़्यादा ऑपरेटिव इन तीनों राज्यों में घुस चुके हैं। इनमें से करीब 720 बंगाल की सीमा और बाकी 1,290 संदिग्ध असम और त्रिपुरा की सीमाओं से आए हैं। हालांकि रिपोर्ट को लेकर बंगाल सरकार के अधिकारियों को संदेह है। लेकिन अगर यह संख्या अनुमान के आसपास है तो भी यह परेशानी की बात है क्योंकि खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2014 में 800 और 2015 में 659 लोगों ने घुसपैठ की थी।
बंगाल होम डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम इस रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिए जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं।' हालांकि असम पुलिस रिपोर्ट को लेकर चिंतित है। असम पुलिस के अतिरिक्त मुख्य निदेशक (एसबी) पल्लब भट्टाचार्य ने कहा, 'आतंकी गतिविधि में निश्चित ही बढ़ोतरी हुई है क्योंकि पिछले छह महीने में हमने JMB के 54 ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया है।' उन्होंने बताया, 'हमने घुसपैठ को लेकर पुलिस के उच्चाधिकारियों और विधायकों की कमिटी बनाई है।' यह जानकारी भी है कि JMB का सेक्रटरी इफ्तादुर रहमान 12 जनवरी को फर्जी पासपोर्ट के ज़रिए भारत में आया और असम व बंगाल में कई लोगों से संपर्क बना चुका है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि वह दिल्ली भी आ सकता है।
इफ्तादुर का असली नाम सज्जाद हुसैन है। एक सोर्स ने बताया, 'इसके अलावा हमें यह भी जानकारी मिली है कि 18 जनवरी को बांग्लादेश के मायमेनसिंह ज़िले में असम, पश्चिम बंगाल और नई दिल्ली में बैठे लोगों और JMB व HuJI के शीर्ष नेतृत्व के बीच मीटिंग हुई थी।'
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खागरागढ़ की घटना के बाद इन आतंकियों के काम करने के तरीके में बदलाव आया है जिससे इन्हें ट्रैक करने में मुश्किलें आ रही थीं। बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पहले ये मालदा, मुर्शिदाबाद या नदिया जैसे ज़िलों से आते थे। अब वे असम और त्रिपुरा से होते हुए पश्चिम बंगाल में घुस रहे हैं। यह उनके लिए ज़्यादा आसान और सुरक्षित है।'

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